स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियों-आठवी फेल
रचना स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियों-आठवी फेल देवराज के बारे में है,जो की बार —बार कलास में फेल होता है इसके पीछे एक ही सबसे बडी बजा थी जिसको आप कहानी में पढ़े.
स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियों-आठवी फेल कहानी के पात्र
1.देवराज.
2.देवकी.
3.मीना.
4.अमनप्रीत.
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स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियों-आठवी फेल
देवराज भागा जा रहा है,तां की वो Late नां हो जाऐ और आते — जाते लोग उसकी तरफ देखते हुऐ आगे जा रहे है,भागते — भागते उसकी Chapal टूट गई और उसने जल्दी से चपल को निकाल कर थैले में यांनी की Books bag में डालदी,पीयन ने घंटी बजाए,सभी अपनी— 2 Class mein चले जा रहे है,कुछ समय के बाद चपरासी ने स्कूल का गेट बंद कर दिया.
देवराज :- “आज फिर Late ho giya “
School के गेट में एक छोटा सा सेध दा,देवराज ने एक आॅख बंद करके सेध में से देखा,मैडम अपनपी्रत कौर जो की एक पंजाब के गांव की लड़की {Punjabi kudi} है.दो लड़कों को पीट रही है.
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बाद में,उसने फिर आंख बंद करके देखा तो अमनीपींत डंडा को घूमाते अंदर की तरफ जा रही थी,Devraj ने दीवार पर से देखा बाहर कोई नहीं था,तो वो दीवार से कुद कर अंदर गया और Bathroom में घुस गया,बाद उसने जल्दी से थैले में से दो किताबे निकाली और Bathroom से बाहर निकल गया,समाने अमनपी्त बादरूम की तरफ चली आ रही है.
देवराज ……….. सतश्रीअकाल मैडम जी।”
अपनपी्त ……….सतश्रीअकाल…सतश्रीअकाल”
बाद मंे देवराज Class Room में चला गया और उन लड़कों को देख कर होठों में मुस्कराने लगा जो स्कूल लेट आऐ थे.
” ऐ हॅस ले हॅस ले….साला आंठवीं फेल…पीछले तीन सालों से एक हीं कलास में घुम रहा है।
देवराज …….गुस्सा में…………” गाली किसको देता है बे “
पहिला लड़का ………” तुमको तुम्हारे बाप को थोडी आठवीं फेल।”
देवराज ……..गुस्सो में ……..” तेरी तो।”
बाद में,तीनों में झगड़ा शुरू हो गया और एक दुसरों को पीटने लगे.अमनपी्त अंदर आई अमन ने तीनों को पीटा शुरू कर दिया।
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घर का सीन। दोपहर का समय
देवकी बाहर से आई और उसने चारे वाली गठड़ी को सिर से उतार कर दीवार के पास रख दिया,चारपाई के पास छोटी बकरी बांदी है,उसने कुछ घास निकाल कर बकरी को डाल दी,
देवकी……”अरे ओ …मीना …एक गिलास मां को पानी दे रे बेटा पिसाब लग ऐ।”
बाद में वो चारपाई पर लेट गई और बकरी चारा खाती — खाती देवकी के पांव को चाटने लगी
देवकी ……. ” अरे ओ …मीना …मां के पानी दे रहे…नां जाने कहां मर गई “
तभी बाहर से देवराज आता है…कमीज पाटी है और पीठ पीछे उसने स्कूल वाला बास्ता यांनी की थौला लटका है।
देवकी ….. ” आ गए …आज तू फिर झगडा करके आया ? तुम्हारी कमीज बता रही है।”
देवराज ………..किया है कुछ लड़के मुझे Aadmi fail बोल रहे थे.
देवकी ……..मुस्कारती………” वो वो कौन सा गलत बोल रहे थें …शर्म करले थोडी बहुत पीछले तीन साल से तूं एक हीं कलास में चक्कर काट रहा है……….औरे तेरे जैसे लड़के आंठवीं पास करके दो – दो बच्चें के बाप बनी बैठे है।
देवराज ……..” बोल ले मां तू भी बोल ले “
देवकी …….” मीना कहा है ? ……..कब से पानी मांग रही हूं”
देवराज …………” मुझे क्यां पता।”
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खेत वाली मोटर का कमरा।
मीना कमरे से बाहर आई और पीछे उसके आदमी बाहर आया
आदमी …….पैसे देते ……..” यह ले 1100 सों रूपए।”
मीना ……….मुंह धोती बाद में पैसे पकडती …..” ठीक है।”
आदमी …. निकल जल्दी कोई देख लेगा।”
मीना कुछ नहीं बोली वो साीधे घर की तरफ निकल पडी।
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एक साल बाद
अमनीपी्त ….अब मैं उन बच्चों के नाम बोलूगी जो Aadmi class mein फेल है
1 दीपरानी.
2 हरी.
3 कालू.
4 शांम.
5 केलाराम.
6 सीताराम.
8 ध्यान सिंह.
9 देवराज.
इसके बाद मैडम ने और दूसरे कुछ नाम बोलें
देवराज……….फिर फेल हो गया अपन आंठवीं कलास में से………मैं आंठवी कलास में से पास नहीं हो सकता….किस्मत हीं खराब है …ओ भगवन मेरी किस्मत में आंठवी कलास में पास होना लिख देता रे.
बाद में स्कूल की दूसरी लड़कियों और लड़कों उने उसका काफी मजाक funny बनाया,देवराज कुछ नहीं बोला और सीधे घर की तरफ निकल गया.
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देवकी…… ” फेल या पास।”
देवकी ……..” तुमको पता है …आंठवी कलास में तुमको चार साल हो गया…जब पल्ले नहीं पडती तो छोड़ दे ना।”
देवराज ……..” होठों में मुस्कराते …गांव वाले और स्कूल के मुझे पता क्या बोलते ऐ।”
मीना……….. ” मुझे पता है आंठवी फेल।”
देवकी ……… ” बकरी को बांधती …….” तो फिर चल कोई काम धंन्धा देख ले …मैंने तो तुमको पछिले साल हीं बोला था.”
समय सुबह का। तीन दिन बाद
देवराज चारपाई पर पडा सो रहा है और सबुह के 7:45 मिन्ट हो रहे है,मीना अंदर से आती है.
मीना ……..” अरे आंठ बजने वाला है और तू अबी तक पडा है आज स्क्ूल नहीं जाना तुमने।“
देवराज मुशिकल से उठा और जल्दी — जल्दी तैयार होने लगा और घर से School की और निकल पडा।
Devraj भागते — 2 पैदल स्कूल आया और जब देखा की Gate तो बंद हो चुंका है,उसने गेट के सेध में से देखा तो बाहर कोई दिखाई नहीं दिया,देवराज ने पहिले की तरहां दीवार से कुदा और Bathroom में घुस गया.लेकिन अमनपीत स्कूल की दूसरी मंजिल पर खडी यह सब देख रही थी.
बाद में जब देवराज कलास में जाना लगा.
अमन ………..” मुझे आज #satshriakal नी कहेगें देवराज ?
देवराज घबरा गया। बाद में मैडम ने उसको मुंर्गा बना दिया और स्कूल के सभी लड़के और लड़कियां उस पर हॅस रहे थें.
बाद में सभी लड़के उस पर हॅसने लगे.
दूसरे साल
देवराज स्कूल की दीवार के पास खडा रिजल्ट सुन रहा है तभी अपनपी्त ने बोला
1 देवराज हिन्दी आंग्रजी में से फेल बाकी में से पास
2 गोपल फेल।
बाद में देवराज ने पांव में से चप्पल निकाली और अमनपी्त की तरफ जोर से फैंकी और वो जाकर अमन के सिर पर लगी।
अमन ………” कौन है यह बदमीज?”
देवराज ….” ढूढ़ती रह चप्पल मारने वाले को ..कभी हाथ् नही लेंगा तेरे वो।”
बाद में………….” अल्विदा स्कूल बाबा आंठवी फेल ही रह गया।
बाद में Devraj वहां से घर की तरफ चला गया.
अंत
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