लॉकडाउन के दौरान छात्रों के लिए प्रेरक भाषण | inspirational speech ideas for students

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स्कूल हिन्दी कविता बच्चों के लिए | Hindi poem on war

इंसानियत | भाषण के लिए विषय | best topic for speech


 रेडियो पर | हिंदी न्यूज़ चैनल | इंग्लिश  | पंजाबी  | बंगाली उर्दू मराठी तेलुगू  | यूट्यूब | फेसबुक सभी जगह पर बस एक ही News चल रही है #Coronavirus की. और कोरोनावायरस ने देश में लॉकडाउन करवाया.

           जिसकी वजह से सभी Business ठप हो गए, दूसरी तरफ बात करें School की तो वहां भी ताला लटक रहा ऐ,ऐसे में सभी विद्यार्थी घर पर बैठे ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं.हालांकि Online study करना इतना आसान नहीं,लेकिन क्या करें मजबूर है.

 


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मजबूरी में सब कुछ करना पडता है.इसके बिना और कोई चारा भी नहीं ,लेकिन धीरे-धीरे मुशिकल कार्य Easy लगने लगता ऐ अगर Continue किया जाऐ. तो ऐसे में अगर आप दसवीं क्लास के विद्यार्थी हो ?

         आठवीं क्लास के विद्यार्थी हो | 12 वी जमात के विद्यार्थियों आप लोगों के लिए लॉकडाउन के चलते छात्रों के लिए प्रेरक भाषण  लिखा गया हेै,इसके बिना यह आर्टिकल परीक्षा से पहले छात्रों के लिए प्रेरक भाषण रहेगा.

         क्योंकि,अक्सर देखा गया कि स्टूडेंट लोग Board exams से काफी डर जाते ऐ………….तो यह हिंदी में छात्रों के लिए प्रेरणादायक भाषण भी  हेै,उन स्टूडेंट्स के लिए जो पढ़ाई में सफल नहीं हो पाते………….. क्लास में फेल होने पर स्कूल से नाता तोड़ देते हैं.

 


 

 लॉकडाउन के दौरान छात्रों के लिए प्रेरक भाषण | inspirational speech ideas for students
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लॉकडाउन के दौरान छात्रों के लिए प्रेरक भाषण | inspirational speech ideas for students

[ भाषण के बारे में दो शब्द ]

भाषण देना भी एक कला है और जो इस कला को जानते है,वो दुनिंयां जीत लेते है,असान शब्दों में कहे की जो इंसान शब्दों से खोलना जानता है,उसके लिए लोगों को अपने पीछे लगाना कोई उसके लिए बडी बात नहीं .

        किंतु,यह कला हर किसी के पास नहीं होती बहुत कम लोग [ some people ] होते है जिनके पास भाषण देने की कला होती है,बडे — बडे अधिकारी जो की उॅच्चे पदों पर होते है.

वैसें तो वो नाक पर मंखी तक नहीं बैठने देते लेकिन जब भाषण देने की बारी आती है तो फोन कान को लगाकर वहां से खिस लेते है.

कुछ ऐसे भी देखा गया है,की जब उनको स्टेज पर कुछ बोलने के लिए आममित्र किया जाता है,तो उनका शरीर कांपने लगता है,दूसरी और ऐसे बहुत सारे नेता लोग भी है, जो समझते है की हमारे जैसा कोई दूसरा नेता नहीं हो सकता.

        लेकिन जब लोगों के आगे कुछ बोलने का मौका आता है,तो वो ठीक से बोल हीं नहीं पाते मुंह से एक दो शब्द निकलाने के बाद चलते बनते है।इसकी बजा एक हीं है,की उनको बचपन से भाषण देने की आदत नहीं होती,यह आदत हमें school से मिलती है.

 

हांलकि स्पीज देना कोई मुशिकल कार्य नहीं होता मन में डर सा होता है,की अगर मुंह से कुछ उलटा – सीधा निकल गया तो यहां बैठे लोग पता नहीं क्यां सोचे गे,दूसरी तरफ facebook। youtube | instagram | sharechat | twitter पर जो मेरा मजाक उठाऐंगें वो अलग.

       जो speech दे रहा है,वह ना तो इतना पढ़ा लिखा है.ना ही उसके पास इतनी बड़ी कोई Degree है,बस उसे शब्दों से खेलना आता है और इस खेल में जरा सा भी नहीं शरमाता.

 


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दूसरी तरफ वो अपने भावों को जो वाणी वो बोल रहा है उसके मुताबिक डाल लेता है,जिसकी बजा से लोग उसके प्रति और ज्यादा खीच जाते है,उसकी इसी भाषण कला को देखकर लोग “वांह .. वांह क्या बात कहीं” करते है.

 

              इसी बात पर जोर — जोर से तालीयां बजाते है कक्ष तालीयों की आवाज़ में गंजने लगता ऐ.जो बच्चे इस इंसान का भाषण सुन रहे हैं और तालियां बजा रहे हैं वाह-वाह कर रहे हैं.

उसकी वीडियो फेसबुक | यूट्यूब | इंस्टाग्राम | पर #viral हो रही है, वीडियो के नीचे कमेंट करने वालों की line लगी है, Google के फर्स्ट पेज पर उसकी न्यूज़ लगी है. 1 दिन में उसके Facebook profile पर हजारों की संख्या में friend request आती है.

 

दूसरी तरफ वहां बैठे लोगों | Students की संख्या 300 लेकर 400 तक हो सकती है.इन बच्चों में से ऐसे students होते हैं……….जो अध्ययन में होशियार होते हैं, उनके मन में भी उछाल पैदा होते हैं.

कि काश हम भी वहां Mic के आगे खड़े भाषण दे रहे होते और हमारी बातों पर भी लोग bha bha करते और तालियां बजाते हैं,मन करता है Speech देने के लिए,kintu डरते हैं शर्मा जाते हैं.

 

वहां बैठे सैकड़ों बच्चों की और स्कूल के अध्यापक प्रिंसिपल के वहां पर बैठे और कुछ गणमान्य लोगों की नजरों को वह सहन नहीं कर पाते.

दिल तो कहता है,की मैं उस सामने वाले जो माइक पर खड़ा है उसे बेहतर कर सकता हूं,लेकिन क्या करें की साहस नहीं हो पा रहा माइक तक जाने का


 

जबकि देखा जाए ऐसा कुछ भी नहीं होता……..बस Mind mein डर सा होता है, आप अपने घर में अपने दोस्तों के साथ अपने क्लास के टीचर के साथ भी तो बात करते हो.

          फर्क सिर्फ इतना रहेगा………….कि उस time आपके पास चार पांच लोग होगे…………लेकिन वहां बड़े हॉल में इनकी संख्या सैकड़ों और हजारों होगी.

 

आप कर सकते हो……. तरीका हम बताते हैं आपको, आप Class ke जो भी आपके मित्र हैं उनकी संख्या अगर पांच है या फिर  ज्यादा है.छुट्टी के बाद जनकी स्कूल टाइम के बाद ……….आप इनको एक जगह बैठा लीजिए.

          बाद में……… जो भी आपके मन में है,वो इनके साथ सांझा करें……… किसी Story को सुना सकते हो…….किसी Poem को सुना सकते हो आदि ऐसा तब तक करते रहिए.


जब तक अंदर जो डर है और जो डर आपको वहां माईक तक नहीं जाने देता………वह भाग ना जाए,जिस दिन वह आपके अंदर से भाग गया………….आपका डर खत्म हो गया………. उस दिन आप Stage की तरफ दौड़ कर जाओगे बिना किसी के लाए बिना किसी के कहे. 

   


 

इंसान जरा सी Problem को देख कर हिम्मत हार जाता है, 1.इसमें चाहे आप विद्यार्थी हो | 2.या फिर किसी और Business से जुड़े हो.

जब मंजिल धुंधली दिखाई देती है,तो लोग अक्सर डिमोटिवेट होते हैं…… उनको लगता है,कि जो सपना देख कर जिस मंजिल की तरफ निकले थे…… …. लगता है उसका मिलना बहुत मुश्किल हो चुका है.

 

अक्सर देखा गया,कि दिन – रात Hardwork करने के बाद भी बहुत से ऐसे लोग/Students होते हैं……….. जो अपनी Manjil को हासिल करने में नाकाम हो जाते हैं.

          कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है छात्र लोगों के साथ…… जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता.अगर वह Study करने बैठते हैं 10 / 15 मिनट अध्ययन करेंगे और बाद में Book को बंद करके बाहर की तरफ निकल जाऐगे.

 

जहां पर हम समय के सदुपयोग पर सुविचार बोलेंगे

जो समय की कदर नहीं करता…….. समय 1 दिन उनकी कदर करना छोड़ देता है.

  • प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट | मिडिल स्कूल के छात्र | कॉलेज में पढ़ाई करने वाले

इन Students से आप अगर पूछ कर देखो……. की पढ़ाई की थी तुमने कल रात को या फिर ऐसे ही पूछ सकती हो,कि आप रात को कितने बजे तक पढ़ते हो ?

        अक्सर सुनने में एक ही जवाब मिलेगा……………….. ” कहां यार मेरे …….पास तो समय ही नहीं बचता…… अब आप जरा इससे उलट पूछ कर देखना.

 

रात को एक घंटा हिन्दी हिल्म् देखा करेंगे 8:00 से 9:00 बजे तक…… आपका दोस्त एकदम बोलेगा हां यार मैं फ्री होता हूं चलो कल से Start करते हैं 

           कल से नहीं आज ही,मैं शाम को तेरे घर आऊंगा,इसके बिना लेक्चर टाइम में  सिनेमा house की कुर्सी पर  बैठे  कुछ लड़कें और लड़कियां फिल्म का आनंद ले रहे होते हैं.

 

अक्सर जहां तक देखा गया,कुछ कुछ लड़के और लड़कियां School बैग में अलग से कपड़े डाल कर ले जाते हैं और बाद में Cinema house जाकर उनको बदलते हैं.

           ताकि किसी को शक ना हो कि यह उस स्कूल के स्टूडेंट है जो जहां पर हर रोज Movie देखने आते हैं……….. यहां पर यह कहना भी गलत होगा कि Cinema house मत जाएं.

 

जा फिर film ना देखा करें,ऐसी बहुत सारी Hollywood मोटिवेशनल मूवी है जिनको आप देख सकते हो, जो आपको कुछ ना कुछ सिखाती है.

लेकिन हर बार फिल्म देखते रहना……….. और स्कूल से भागकर शहर की गलियों में लड़कियों के पीछे लगे रहना यह गलत बात रहेगी.

          ऐसा करके आप दो चीजों का Loss कर रहे हो,एक तो  ……….  पैसे का और दूसरा समय का ………. पैसा आपको मिलता रहेगा कम और ज्यादा ………. kintu समय आपको कभी नहीं मिले………. अगर एक बार हाथ से निकल गया.तो बाद में एक वक्त ऐसा होगा,की कोई साथ खडने को राजी नहीं होगी.

 

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  • समय | वक्त हाथ से निकले उस पक्षी की तरह है……. जो कि बाद में पकड़ा नहीं जाता.
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दूसरी तरफ जो गरीब Family से हैं…… आपके माता-पिता बड़ी मुश्किल से आपकी पढ़ाई का खर्चा उठा रहें होगे…..तो आपके लिए गलत बात है….. कि आप पाठशाला तो जाते हो, सिर्फ अपने माता – पिता को दिखाने के लिए.

        किूंत, उनकी खून – पसीने की कमाई मौज-मस्ती में लगा रहे हो,अच्छा रहेगा कि आप पढ़ाई छोड़ कर कोई काम – धंधा देखें.क्योंकि इंसान कि जैसे पांच उंगलियां एक जैसी नहीं होती.

 

ठीक उसी तरह सभी का मन Study में नहीं लगता,आप जो काम करना चाहते हो…… वह काम करें.कम से कम अगर ज्यादा नहीं…… तो 12वीं कक्षा तक जरूर पढ़ें.

 

बात पढ़ाई से हटकर करें…….कोई और Small Business शुरू करते हो, For example आपने Denting painting work सीखा और उसके बाद अपने गांव में डेंटिंग पेंटिंग वर्कशॉप की

                 अब ध्यान देने वाली बात है,जरा गौर से सुने……….अगर आप अपनी डेंटिंग पेंटिंग वर्कशॉप को ठीक तरीके से नहीं देखोंगे……….. समय पर उसको नहीं खोलते, तो वर्कशॉप कुछ समय के बाद डाउन हो जाऐगी.

 

Workshop fail इसलिए हुई क्योंकि आपने उसको समय नहीं दिया ………. अगर उसको समय दिया होता तो आपकी वर्कशॉप की चर्चा आस-पास के गांव में और शहर में होती.कुल मिलाकर कहने की बात है.

             कि आपको मेहनत हर काम में करनी पड़ेगी इसमें चाहे आप पढ़ाई कर रहे हो………. चाहे आप कोई और khud ka business कर रहे हो,उस कार्य में सफलता तब तक नहीं मिलेगी ………. जब तक कमियों को ढूंढ कर उनका हल नहीं निकाल लेते.


“Nothing is difficult in the world”
We have named it difficult.”


विद्यार्थी हो या फिर आम इंसान जब तक अपने Goal को सेट नहीं करते……… तब तक असफलता का मुंह देखते रहोगे.आपने अक्सर सुना होगा….. जिस चीज से हमें डर लगता है धीरे-धीरे उसके नजदीक जाना शुरू करें एक दिन आप का डर खत्म हो जाऐगा.

 बहुत से स्टूडेंट के मुख से अक्सर हम सुनते हैं

“इंग्लिश मेरे पल्ले नहीं पड़ती……..मैं कभी सीख नहीं सकता कांश मैं भी बोल पाता ” 

 

ऐसे में जो लोग Punjab mein रहते हैं,उन लोगों को हिंदी बोलना काफी कठिन लगता है,एक मन में डर है कि हम लोग नहीं बोल पाएंगे,जिन लोगों के मन में इस तरह का डर होता है.

कि यार हम लोग नहीं कर पाएंगे………..मुझ से नहीं होगा,असल में यही भय आगे कुछ करने नहीं देता. इस बात पर हौसला बढ़ाने वाली मोटिवेशनल शायरी याद आ गई जो कि आप लोगों के रूबरू कर रहे हैं.

” दुनिया में कोई चीज मुश्किल नहीं
हमने उसको मुश्किल का नाम दिया है “

 

ध्न्यावद  

तो यह Motivational speech थी जिसको छात्र मंच पर दूसरों के साथ साझा कर सकते है.


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