कॉलेज के छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानियों – साधू बाबा

कॉलेज के छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानियों – साधू बाबा

रचना कॉलेज के छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानियों – साधू बाबा inspirational stories for college students के आप पास घूमती है,जो शहर से गांव में आते है और साधू बाबा गांव वालों को कुछ ऐसी बातें कहते है,जिनको सुनकर गांव वाले हैरान हो जाते है।

यह रचना कालपिना पर आधिरत है,जिसका वासितव में किसी से इसका कोई लेना — देना नहीं,यदि ऐसा होगा तो उसे एक संयोग यां फिर घटना माना जाऐगा।


story Character | कहानी के पात्र story of success in hindi

1.नीला बाबा.
2.राजू बाबा.
3.कालू.


1.कॉलेज के छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानियों – साधू बाबा

 

कॉलेज के छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानियों - साधू बाबा

 

दोपहर का समय है dopahar ka samay और गर्मियों के दिन है  garmiyon ke dino mein दापिहर की बजा से कोई दूर – दूर तक नज़र नहीं आ रहा है.

 

ऐसा प्रतीत होता है,मानों मानव जाती यहां से अप्लोप हो गई हो, लेकिन तीन भैंसे खेतों में चर रही है,चारों तरफ शांति हीं शांति  है.

 

कुछ समय के बाद देखा गया की after the some time दो आदमी two men चले आ रहे थे ठीक से तो दिखाई नहीं दे रहा था, पास आने पर पता चला की यह तो साधू बाबा जी है.

 

गांव की कच्ची पटडी पर पांव में अलग — अलग रंग की चप्पल पहने दो साधू बाबा आपिस में बांतें करते हुऐ शहर से गांव की तरफ चले आ रहे है.

 


 

नीला बाबा .………..अपने साथ वाले से …..लगता है हम गांव के पास पहुंचने वाले है।

राजू बाबा …………..हां अब तो कुछ ही पलों की बात है।

राजू बाबा …………..चल चल कर पांव में दर्द होने लगा है।

नीला बाबा ………….हां बाबा ….अपने सहीं बोला …चले अब गांव में कुछ पल के लिए।

नीला बाबा …………अराम करेंगें और तब तक धूप वी कम हो जोएगी।

 


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कुछ समय के बाद after the some time वो दोनो चलते — चलते गांव में gaon mein पवेश कर गए,समाने गांव के gaon ke एक लोहे का बोर्ड लगा है।


हीरा बाबा ……………अपने साथ वाले से ….कमाल है बोर्ड लगा है लेकिन गांव का नाम नहीं 

राजू बाबा ………….. हां में सिर हीलाते …..बात तो आप ठीक बोल रहे हो बाबा।

हीरा बाबा ……………वैसे हमें गांव के नाम से क्या लेना यहां तो हम अराम और दोपहर का भोजन  करने आऐ है.

 


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जैसे हीं वो गांव के अंदर आऐ तो देखा की गांव में प्रवेश दीवार पर एक गेट entry gate लगा है और हर कोई इस गेट दुबारा हीं गांव में प्रसेश करता है।

राजू बाबा ………….. यह क्यां गांव में प्रसेश गेट?


हीरा बाबा ……………हां यह तो हम लोग पहिल बार देख रहे है।


हीरा बाबा ……………हम इतने गांव घूमे ऐ ….लेकिन ऐसा वच़ित्र नजारा पहले नहीं देखा।

 

राजू बाबा ने धीरे से गेट खोला और जरा से गरदन निकाल कर भीतर देखा तो गांव में gaon mein कोई दिखाई नहीं दे रहा है।

राजू बाबा ………….. कमाल है ……….यहां पर तो कोई मानव नहीं दिख रहा है।


हीरा बाबा …………..हमें गांव के भीतर प्रवेश करते है।


हीरा बाबा ………....दोपिहर का वक्त चला रहा ऐ ….सभी व़िशराम कर रहे होगे।

 


जैसे हीं वो दोनों गांव के भीतर पा्ेवश करते है तो देखा की समाने एक घंटी लगी है जिस पर लिखा था।

” गांव में आगे जाने से पहिले घंटी बजाऐ।”

हीरा बाबा ……… ……घंटी देखते ……….यह क्यां घंटी।


राजू बाबा ……………..नां में सिर हीलाते ….पता नहीं यह कैसा गांव है।


राजू बाबा ……………..आज से पहिले ऐसा गांव जिन्दगी में नहीं देखा।

 

हीरा बाबा ने घंट बजाई,तभी घंटी की आवाज़ सुनते एक झोपडी से डंडा हाथ में लिए 6 फूट का आदमी निकला और साधू बाबो की तरफ चला आ रहा है।

 

हीरा बाबा .……………उससे देखते …..यह क्यां बाबा इतना लंबा आदमी।


राजू बाबा …………….मुझे तो यह गांव के बारे में कुछ भी समझ नहीं आ रहा।


राजू बाबा …………….पहिली बार ऐसा आदमी और इतना लंबा आदमी देख रहा हूं।

 


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आदमी पास आया और दोनों हाथ जौडते बोला।

परनाम ………………..साधू बाबा।


दोनों साधू बाबा एक साथ बोले ….सादा जीवत रहो।


कालू ………………मेैं आपकी क्यां मदद कर सकता हूं …साधू बाबा।


हीरा बाबा …………हम शहर से आऐ है।


राजू बाबा ………….सुबह 4 बजे के चले है …..और गांव आते — आते दापिहर हो गई है।

 

हीरा बाबा ………….हमें भोजन चहिऐ और भोजन के बाद हम कुछ समय के लिए यहां पर


हीरा बाबा ……… …अराम करेंगें।


कालू ………….. …..जी बाबा हम आपके भोजन का इंतजाम करते है।


कालू ………………..वो समाने अपके लिए कमरा रहेगा यहां पर आप भोजन करने के बाद

कालू ………………..अराम कर सकते हो।

 

दोनों both साधू बाबा sadhu baba ने भोजन lunch किया और भोजन करने के बाद वो अराम के लिए rest ke liye लेट गए.

 


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शांम का समय  shaam ka samay

 

कालू बाबा अराम के बाद उठा और देखा की राजू बाबा अभी तक सो रहा है।


कालू बाबा …..………..राजू बाबा से ………….उठों बाबा शांम होने को आई है।

 

राजू बाबा उठ खडा हुआ तभी बाहर से कालू आया और बोला।


कालू ………………….बाबा आपकी चाय तैयार है पी ​लीजिऐ।


राजू बाबा ……………वो तो ठीक है लेकिन हम जिस गांव में जाते है वहां के लोगों को।


राजू बाबा ……………एक उपदेश देख जाता है …हमनें तुम्हारे गांव वालों को उपदेश देना है।

 

कालू …………………बाबा हमारे गांव में तो कवेल 20 लोग ही है बाकी के गांव छोड़कर दूसरे गांव।


कालू ………………….चले गऐ है

 

राजू बाबा ………..पता नहीं यह गांव हमें क्यां अजीब सा लग रहा है।


नीला बाबा ………..उन 20 लोगों को संन्देश भेज दे तो आपकी बडी मेहरबानी होगी।


कालू ………………..आप चिंता ना करें …..मैं आभी उनको यहां लेकर आता हूं।

 

कालू कुछ समय के बाद after the some time सभी गांव वालों को वहां पर ले आया।


राजू बाबा ……………..गांव वालों से ……….हम आपको उपदेश देना चाहते है।


नीला बाबा ……………उपदेश को ध्यान से सुनना।

 

साधू बाबा ने उपदेश देना चालू कर दिया suru kar diya और लोग बाबा की बातों को धयान से सुनने लगे.

 

1.सुबह देर तक सोना 

कभी समय था की लोग सुबह 4 बजे उठना शुभ मानते थे,सबसे पहिले मंदिर भगवान का नाम bhagwan ka naam लिया करते थे फिर अपने कामों में लग जाते थें। इसके बिना वो शांम को evening time जल्दी सो जाते थें रात्रि भगवान ने bhagwan ne बना थी जल्दी सोन अब हमारा काम है.


इसके बिना अगर हम बात आज के समय aaj ka samay की करें तो लगी आधी — आधी रात तक टीवी  television के आगे ​बैठकर अपना समय खराब time waste कर देते है

 

हमें ऐसा नहीं करना चहिऐ सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चहिऐ,अगर आप जिन्दंगी में कामयाब होना चाहते है।


तो सुबह लेट उठने की बुरी आदत को त्याग दो नहीं तो कभी भी जिन्दंगी में कामयाब नहीं हो सकते।


 

2.समय का सदुपयोग पर भाषण

कहते है की ” जो समय की कदर करते है समय उनकी कदर करता है और जो समय की कदर नहीं करते एक दिन समय उनकी कदर करना छोड़ देता है।”

यह बात सत्य है इंसान थक कर रूक जाता है लेकिन समय ना तो कभी थकता है और नां ही कभी रूकता है।

आप ने अक्सर देखा देगा की जिसने सयम को बरबाद नहीं किया,वो जिन्दंगी में कामयाब रहें जिसने फालूता का समय खराब किया।


जैसे फिल्मों देखना। टीवी देखना। लड़कियों के साथ घुमना और बहुत सारी ऐसी बुरी आदते bad habit जो आपकी आदतों को खराब कर देती है। हमें समय का स्तीकार करना चहिऐ respect of time उसको नष्ट नहीं करना चहिए।

 


3.पीठ पीछे बात करना

हमें सभी का आदर स्तीकार करना चहिऐ किसी की बुराई नहीं करनी चहिऐ,अगर आपके अंदर यह बुरी आदत है तो इसका आज ही त्याग करें।

यह आदत आपके आदर स्तीकार को कम कर देती है और लोग आपसे नफरत करने लगते है

 


राजू बाबा …………तो गांव वालें यह तीन चार बातें थी जो हम हर गांव के लोगों को।


राजू बाबा …………सुनते हेै।

नीला बाबा …………..अब हम चलते है भगवान तुम सब को सदा खुश रखें।

बाद में साधू बाबा वहां से चले गए।


अंत में ..

हमें बुरी आदतों का त्याग करना चहिऐ अगर हमें जिन्दंगी में कुछ बनना है,यह बुरी आदतें हमारे जीवने को बुरी तरहां से तबा कर देती है


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