वेरी शॉर्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी-insaniyat


                                          

रचना  वेरी शॉर्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी-insaniyat आलू के आप पास घूमती है,जो शहर में टायर पंचर की दुकान लगता ऐ और यह कॉलेज के छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानियों में से एक है जो की आपको काम के प्रति हौसला देगी.

 

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Part no : 1 आप पढ़ रहे हो वेरी शॉर्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी-insaniyat

गांव भरपूर गढ़। लोग इसको Garebo ka gaon भी कहते है, वो इस लिए की यहां 100 में से 90 गरीब है,बाकी 10 लोग थोडे बहुत अमीर,ज्यादा नहीं बस थोडे बहुत और जो अपने आपको बदकिस्मत मानते है की वो गरीब गांव में रह रहे है. जब की कुछ लोग जा चुंके है,गांव को छोड़ कर Because वो अपने आपको गरीबों की गिणती में नहीं आने देते.

 

वेरी शॉर्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी-insaniyat | very short motivational story in hindi
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भरपूर गढ़ गांव के लोगों अलग-अलग छोटे मोटा कार्य laghu udyog यां फिर कह लो की chota mota business काम धंन्धा करते ऐ.

 


इसको पढ़े :— +26 प्रेरणात्मक उद्धरण || motivational speech for depression in hindi



हर रोज की की तरहां आलू Cycle tyre puncture ki dukaan लगाकर घर लोट रहा है.गांव की कुछ लड़कियां आलू पर जान लुटाती ऐ,इसकी बजा आलू का सुन्दरता कह लों ,तो वो Cycle पर सामन उठाऐ पैदल अपने घर की तरफ आ रहा है,हीना ने आलू का साईकिल से रास्ता रोक लिया.

आलू — …………… हट समाने से।

हीना ……………… ..क्यां सोचा तुमने?.

आलू ……………… ..मैंने क्यां सोचना ऐ।

हीना …………….. ..पता नहीं तुम किस मिटटी के बने हो।

आलू………………. .देख …तू ठिहरी मास्टर की छोकरी और अपन गरीब का छोरा.

हीना………………मुझे गरीब लोग अच्छे लगते ऐ।

आलू……………….जाकर मैंने खाना बनाना है।

हीना……….साथ चलू तुम्हारे।

आलू ………………………..किस लिए।

हीना……….तुम्हारा खाना मैं बना दूंगी।

आलू……… रहने दे अपन ऐकला हीं काफी है।

यह कहते वो आगे की तरफ चला गया।


 

Part no : 2 आप पढ़ रहे हो  very short motivational story in hindi

आलू का छोटा सा घर है और चुल्हें में कंत्ता बैठा है, उधर से आलू पैदल चला आ रहा है बाद में उसने साईकिल को स्टैड पर लगाया और ताला Lock अंदर की तरफ चला गया.

बाद में साईकिल को खडा किया,हाथ मुंह धोया और एक फटे हुऐ कपड़ों से मुंह पोचा हाथ साफ किया और चैसे ही उसके नंजर चुल्हे की तरफ पडी देखा की कुत्ता चुल्हांे में बैठो है.

 

आलू…………….अबे पुरे घर में से यही जगा मिली है तुमको बैठने के लिए का ?

 

कुता आलू को भैंकनें लगा,आलू ने पास पडा डंडा उठाया और उसके मारा और कुत्ता डंडे के डर से वहां से बाहर की तरफ भाग गया,बाद में उसने चुल्हे को साफ कियां और खाना बनाने लगा कुछी ही Time mein अंन्धेरा हो गया.

 


Part no :- 3 आप पढ़ रहे हो  very short motivational story in hindi


आलू ने साईकिल cycle खडा किया और दुकान का समान साईकिल पर बाद दिया,बाद में दरवाजे को ताला लगाकर वहां से अपनी Shop की तरफ निकल गया,हीना और दूसरी लड़की आलू को देखकर उसके पीछे चल पडी,दुसरी लड़की ने आलू के पास आते उसकी पीठ पर पैन को हल्लका सा जुबो दिया.

 

आलू दर्द महिशुश करते पीछे की तरफ देखता ऐ तो हीना और दूसरी लड़की उस पर मुस्कराने लगी.

हीना…………………आज घर में कोई नहीं है.

आलू ने जैसे ही पांव में से जुते निकाली दोनों आलू की जुती की तरफ देखती वहां से हॅसते – हॅसते भाग गई.

आलू …………अभे अब भाग क्यों रही हो.


बाद में आलू नां में सिर हीलते, वहां से आगे की तरफ चला गया,अभी वो कुछ हीं दूरी पर गया था एक लड़की पैथर स्कूटरी लिए खडी थी और आॅखों से आॅसूयों को पोच रही थी.

 

आलू उसकी तरफ देखता — देखता आगे की तरफ निकल गया,बाद में वो कुछ दूर आगे जाने के बाद वहां पर रूक गया,सोचने लगा और उसने पीछे की तरफ देखता ते लड़की उसकी तरफ देख रही थी.

 

बाद में आलू ने Cycle को वहां पर खडा किया और उसकी तरफ चला गया,समाने से एक कुता चला आ रहा है,उसने आते – आते ने उसकी साईकिल पर टांग उठाकर पिसाब किया और आगे चला गया.

 

आलू………….. कां बात है ?

अमनपीत कौर……..वो मेरी Electrician scutari स्टार्ट नहीं हो रही है

आलू………. …इसमें रोने वाली का बात.

अमनपीत कौर…. …..पछिले एक घंटे से लगी हूं पता नीं की हो गया मरजानी दी नूं.

आलू…. …. …..आप पंजाबी बोलती हो.

 

आलू………. …..meri साईकिल पैचर की दूकान है …….अपन को थोडा बहुत पता भी ऐ स्कूटरी के बारे में ….वो ऐसा की मेरा पास भी थी …लेकिन कोई स्कूटरी को उठाकर ले गया।


ऐसा कहते वो स्कूटरी को स्टार्ट करने लगा,लेकिन उससे नहीं चल सकी,तभी साईकिल खडा — खडा अचानक गिर पडा,आलू ने साईकिल की तरफ देखा बाद में अमन उसको खडा करने लगी.


आलू ……. …आप से नहीं हो जी ……ऐसे ही रहने दों.

आलू……..आपकी स्कूटरी को दुकान पर ले जाना होगा.

अमन …….जी ठीक है….आपका धन्यावाद.

आलू ……..कहे का धन्यावाद आपकी स्कूटरी तो अभी पूरी तरहां से ठीक भी नहीं हुई.

 


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Part no :- 3 आप पढ़ रहे हो very short motivational stories in hindi with moral

कुछ समय के बाद वो दोनों साईकिल पैचर वर्कशॉप पर आ गए,आलू ने दुकान लगई.

आलू ………………बैठ जाइिऐ इस पर.


अमन बैठ गई और आलू ने कुछ TIme के बाद Electrician scutari को ठीक कर दिया 

अमन………लो चल पडी …….. तुसी तो Ghaint mistry हो.

आलू………जी धन्यावाद.

अमन……..पैसे कीने हो गए जी.

आलू … .. ..वो ले जाओ जी.

अमन……..मैं कीसे दे पैसे नी रखदी.

अमन से उससे दो तीन बार पूछा और उसको पैसे देने की कोशिश की But आलू ने उससे पैसे नहीं लिए।

 

अमन……….तुसी पहिले बंन्दे हो जी …जिसने स्कूटरी free vich ठीक kiti आ …कोई होर हजार da बिल बना देता.

आलू नें हां में सिर हीलाया और Aman होठों में मुस्कारती वहां से चली गई.

 


 

” अमन पैंथर स्कूटरी पर चली जा रही है और वो मन ही मन सोच रही थी की गांव और भारत में अभी भी अच्छा लोग जीवत है,लेकिन ऐसा नहीं …… की सभी अच्छे है अगर इस लड़का की जगा पर कोई ओैर होता तो शयिद मेरे साथ पता नी क्या करता

बापू ठीक कहते की हाथों की सभी उॅगलीयां में थोडा बहुत फर्क होता ऐ।”

बाद में उसने स्क्टरी को तेज किया और वहां से आगे की तरफ चला गई.

 


 

{आलू की दुकान bicycle puncture repair workshop} ठीक आंठ महिने के बाद अमनप्रीत ने स्कूटरी को आलू की पैचर वाली Workshop पर रोका.लेकिन उसकी workshope पर ताला लगा देखकर वो थोडी से हैरान हुई.


अमन………खुद से ………एह की गल आज तां अैतवार वी नीं.

पास से एक औरत निकल रही थी.

अमन ………आंटी जी ………एह munda अज आया नी दुकान ते?


औरत ……….वो पछिले दो तीन महिने से नहीं आ रहा ……पांव पर बडी चोट लगी है……..विचारे गरीब के दो पैसे बनते थे अब वो भी चले गए।

 


 

आलू का घर

वक्त गुजरा….और आलू चारपाई पर पडा है पांव पर सफैद रंग का कपड़ा बादा है और मंखीयां पांव के आस —पास घुम रही है,हल्का सा खुन पांव में से निकल रहा है.

बाहर से स्कटूरी के बंद होने की आज आई….अमन ने स्क्ूटरी को खडा किया और दरवाजा खडखडाया.…लेकिन अंदर से किसी की आवज़ नहीं आई.


अमन ने फिर दरवाजे को खडखडायां लेकिन फिर भी किसी ने अंदर से कोई दरवाजा नहीं खोला यह सब देखते.

अमन ……..खुद से …….लगदा कोई घर नीं……जे एह आलू दा घर नीं तां दरवाजा खोलदा क्यों नीं मरजानी दा.

 

अमन ने धीरे से दरवाजा खोला और देखा की आलू Bed पर पडा है,धीर — धीरे अंदर की तरफ चली आई इधर — उधर देखते हुऐ और आलू की यह हालित देखकर वो एक दम हैरान हो गई.उसने मुंह पर हाथ रख लिया, अमन इधर — उधर देखने लगी फिर उसने चुल्हे की तरफ देखा जो की टूट चुंका था और घर में समान इधर — उधर घिखरा पडा था.

 

अमन ……..खुद से …….Hai rabaa

 

आचनक आलू की आॅख खुली जो की सो रहा था और जब उसने अमन को पास खडी देखा तो वो एक दम दर्द महिशुश करते उठा।

आलू …..अरे मैडम जी आप ?


अमन ने पास पडे Table को उठाया,लेकिन वो जब उस पर बैठने लगी,तो टेबल टूटा होने की बजा से वो गिर पडी,बाद उसने पास पडी तीन ईटों को जोडा और उस पर बैठ गई।


अमन …. आ की

आलू ने उसको सारी बात बता दी।

 

अमन ………je davai len ly paise ni si ta menu phone kar dena si…..paar hun tu fikar na kar mai tere pair da elaaj karboni a”

 

आलू…………अरे आप रहने do ………अपन टैशन नीं लेता …रोटी ही खानी है वो अमन गांव से मांग कर खा लेते है………. जैसे तैसे करके………….ऐसा नीं की मैंने ईलाज करवाया नी …लेकिन,अब हर रोज पैसा कहां से लाउॅ.

 

अमन ……….ओ काके तू चुप कर……… तै मेरी एक दिन मदद कीती सी ….याद नी तैनू…हून मेरी बारी आ.

 

बाद में Aman ने डॉक्टर को बुलाया और डॉक्टर ने उसका पांव को अच्छी तरहां से धो कर पटटी कर दी,आलू का पांव जितने दिन ठीक ना हुआ,अमन उसके लिए खाना खुद घर से लेकर आती थी और जितना भी Time मिलता वो उसके घर की साफ सफाई कर जाती थी,ऐसा करते दो महिने हो गए और आलू का पांव अब धीरे — धीरे ठीक होने लगा था.

 

अमन………लै मुणडे हुन तेरा पैर पुरी तरहां से ठीक आं.

आलू………..आप मेरी लिए भगवान का रूप बन कर आई हो मैडम जी “


बरना आज के जमाने में …….उपर से #कोरानावयारस का मौहोल में भी आपने मेरी मदद की …मै Gareeb कैसे आपका ……कर्च कैसे चुकाउॅगा.

अमन ……….मेरा #लॉक्डाउन ते #coronavirus कुछ नी कर सकदा….जब तक मेरे ते waiguru di kirpa a……..te aa nale mere age haath naa jorr………me kuch ni kita ……jo kita us upar wale ne kita.

 

आलू………..मैं आपके लिए क्यां कर सकता हूं…..मेरे जैसे गरीब के पास देने के लिए कुछ नहीं….आप महान हो और मेरे लिए भगवान का रूप वैसे तो मेरे दोस्त भी है और मोसी भी ….लेकिन ऐसे लोगों का क्या फयादा जो मुशिकल घडी में काम ना आ सकें.


मैं हामेशा एक बात कहता हूं। hindi shayari dosti ke liye

” हर कोई हाथ मिलाने वाला
दोस्ता नही होता …असल दोस्त वो
जो मुशिकल वक्त में काम आऐ।”


आपका बहुत — बहुत धन्यावाद भगवान आपको लंबी उर्म दे और हर कार्य में सफल बनाऐ.

अमन ……..चल हून काके बस कर…मैं चलदी आ ….कल दुकान पर बैंठते ऐ।

बाद में अमन वहां से चली गई और आलू ने उसके पावं के निशान जो धरती पर पडे थे उनको छू कर मांथे पर लगा लिया।

 


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