जन्माष्टमी पर कविता | Janmashtami poem in hindi | इंस्टाग्राम कैप्शन हिंदी

यह त्योहार अगस्त महीने के मध्य में मनाया जाता है। शहरों और छोटे नगरों में झांकियां निकाली जाती हैं।सभी लोग कृष्ण भजनों की धुनों पम झूम झूम नाचते हैं। लोगों द्वारा हर जगह बहुत सा दान पुण्य किया जाता है।

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लोग अपने घरों में कृष्ण राधा की पालकियां सजाते हैं, और उन दोनों की साथ में पूजा करते हैं।हर उम्र हर जगह कृष्ण राधा के रंग में रंगी हुई होती है। मंदिरों में कुछ दिन पहले ही सजावट का काम और पूजा पाठ शुरू हो जाता है।हर तरफ से आवाजें आती हैं जै श्री कृष्ण, और राधे राधे 🙏🙏

 

जन्माष्टमी भाव कृष्ण महाराज का जन्म महोत्सव,पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।जगह जगह पर कृष्ण की लीलाएं नाट्य की जाती हैं।पूरे बाजार दुल्हन की तरहं सजाए जाते हैं।

 


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जन्माष्टमी पर कविता | Janmashtami poem in hindi | इंस्टाग्राम कैप्शन हिंदी.

सबसे पहले आपको भगवान श्री कृष्ण जी की जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं भगवान श्री कृष्ण दुनिया के पालनहार है और पूरे जगत के पूरे ब्रह्मांड के सृष्टि के पालना. भगवान कृष्ण जी के बारे में ज्यादा आप लोगों को बताने की आवश्यकता नहीं है आप पहले से परेशान थे उनके बारे में जानते हो.

हम इतने काबिल तो नहीं है कि उनका उनका दान कर सकें फिर भी एक छोटी सी कोशिश की है, श्री श्री कृष्ण जी महाराज जग के पालनहार आज कृष्ण जन्माष्टमी पर कविता छोटी सी कविता/janmashtami kavita आपकी भाषा हिंदी में लिखी गई है किसने भगवान श्री कृष्ण और राधा जी कब वर्णन किया गया है. 

 

उम्मीद रहेगी की कृष्ण जन्माष्टमी पर हिंदी कविता आपको पसंद आएंगे, और आप लोगों से हाथ जोड़कर विनती है, कि यदि आप कृष्ण भगवान जी को प्यार करते हो, तो इस छोटी सी कविता को और उनके भक्तों के साथ साझा करें.

ऐसा करने पर जगत के पालनहार श्री श्री भगवान कृष्ण महाराज जी भगवान जी, की कृपा सदा आप पर बनी रहेगी


पागलपन में, वृंदा वन में
मैं कृष्णा को ढूंढ रही
इस तन मन में, प्रेम अगन में
चारों दिशाएं घूम रही
मैं कृष्णा को ढूंढ रही
पागलपन में.…..

तू है मोती जगती ज्योति
चारों दिशाएं रौशन हैं
तेरी कृपा से हम जिंदा हैं
अब सावन का मौसम है
तेरी जुदाई गहरी
अपने आप को भून रही
मैं कृष्णा को ढूंढ रही
पागलपन में…..

ना मैं राधा ना मैं मीरा
मैं तो तेरी दासी हूं
ना तड़पा तू, सामने आ तू
एक झलक की प्यासी हूं
जोग मैं पाया तुझ को बुलाया
तेरे नाम से आंखें मूंद रही
मैं कृष्णा को ढूंढ रही
पागलपन में.

 


हमें उममीद है,की उपर दिए Janmashtami poem पसंद आऐगे और आपको अच्छे लगे तो अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हो.

सभी बोलिए भगवान श्री कृष्ण महाराज की जय हो.

 

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