लघु नैतिक कहानी हिंदी-आदमी | Motivational story for class 8 in hindi

One line :- रचना  लघु नैतिक कहानी हिंदी-आदमी | Motivational story for class 8 in hindi यह कहानी एक आदमी जो की बिज़नेस मैन है और एक दिन गांव में आता है और गांव वालों को पैसे कमाने का तरीका बताता है।….उसके बारे में है….लेकिन पढ़ कर आपकी आखों खुल जाऐगी.

 


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लघु नैतिक कहानी हिंदी-आदमी | Motivational story for class 8 in hindi

 

गांव के मुखियां और पंच चारपाई  bed पर बैठे ताश खेल रहे है सभी के मुंह पर मास्क  face mask लगा है,वो क्यों आप इसकी बजा जानते होगें.

 


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लघु नैतिक कहानी हिंदी-आदमी | Motivational story for class 8 in hindi
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बताने की कोई जरूरत नहीं है, मुखियां ने गरदन को पीछे की तरफ किया,पेड पर लटक रही घडी watch पर समय देखा तो शाम 7 बजे को है.

मुखिया ……… पंच भाईयों Lockdown curfew का समय शुरू हो गया है चलों घर चलते है।

पंच ………….. अरे मु​खियां जी…… मुखियां होकर भी डर रहे हो का।?

मुखियां हुका पीते……… बेटा #कोराना से डर लगत रहा ऐ।

पंच …………..बाढ़ में जाऐ #कोराना …यह शहर वालों को हीं होता है …….वहां गंदगी के जो डेर इतने बडे —बडे होते है ….हमार गांव एक दम साफ सुधारा मुखियां जी …….यहां ना होगा।

 


 

समाने दो पुलिस two police men वाले पैथरस्कूटरी panther scooty पर आ रहे है।

पुलिसवाले मुखियां के पास रूकते बोले ….

मुखियां जी …भूल गए का … Lockdown curfew time  है और …आप लोग ताश कूट रहे हो का।

पंज ………………अरे मालिक हम जाने ही वाले थे।

पुलिस वाले …….यह तो आप थे …कोई और होता तो उठाकर ले जाते।

यह कहते वो गांव के अंदर  gaon ke andar चले गऐ।


मुखियां ………का पंच जी …….पोलिस को देखकर आपका पिसाब निकल गया का।

पंच…………….अरे इनका का …पिछवाडे पर डंडा मरे …और पिछवाडा ही तोड दे

 

बाद में मुखिया जी mukhiya ji और पंच गांव के भीतर चले गए और रात होने वाली है


 

सुबह का समय हो गया है

एक छोटा लड़का  chota larka उर्म 10 साल dass saal के आसपास लोटा लिए धीर— धीरे भागा जा रहा है,लड़का की धोती खुल कर रास्ते में ही गिर गई.

समाने एक आदमी one person चला आ रहा है.

मुंह पर मुंह पर मास्क face mask n95  लगा है। आदमी स्कूटरी पर था उसने भागे जा रहे लड़को को हाथ दिया.

 

लड़का ……….का है …जोर की लगी है ..रास्ता पुछना है बाद में आता हूं यहीं रूकना.

बादम में लड़का गांव में gaon mein एक तरफ बने प्रधानमंत्री ग्रामीण शौचालय योजना गया,और पड —पड की आवाज़ आई,आदमी ने धंूक दिया।

 

कुछ समय के kus samay ke baad after the some time बाद लड़का लोटा लेकर बाहर आया और हाथ धोकर आदमी के पास आया।

आदमी……..तुम्हारे गांव का नाम क्या है?

लड़का …….मेरा गांव का नाम कूपरगढ़ village kapoorgarh है

लड़का …….का इस लिए का पूछ रहे हो तुम। ?

आदमी ……चले तुम्हारे गांव चलते है।

आदमी…….गांव के मुखिया का नाम बताओ

लड़का …….हरी नाई।

बाद में दोनों बातें करते गांव की तरफ चले गए,पीछे से दो कुत्तों आपिस में झगडते हुऐ गांव के अंदर की तरफ चल गए।

 


 

ग्राम पंचायत घर | Gram Panchayat Ghar

 

गांव के ग्राम पंचायत घर में मुखियां और पंच हिसाब – किताब में लगे है तभी बाहर से दरवाजे के टक-टक की आवाज आती है।

पंच………….कौन छोरा बाहर।?

लडका ……पंच जी मैं गूला हूं।

मुखियां…….गूला भीतर आ जा भाई ..कहे को घर खडा है.

 

बाद में गूला और आदमी दोनों Gram panchayat ghar के अंदर की तरफ आ गए,उनके साथ एक कुता one dog भी अंदर चला गया।

पंज………..कुतें को देखते ……..रूक तेरी मां की जै.

बाद में कुता भाग गया।

बात आदमी की करें तो यह एक तरहां का छोटा व्यापारी small business man था.

आदमी ने बताया की मेरे पास एक योजना है।

पंच ……….सरकारी योजना मतलब लड़कियों के लिए सरकारी योजना है का?

आदमी ……..मेैं  sarkari yojana  की बात नी कर रहा …मेरे पूरी बात तो सूने।

मुखियां………..बोल रे बोल नां

 

आदमी ……….मैं एक प्राइवेट योजना  के तहित आपसे दूध milk खरीदना purchase चाहता हूं

आपको सबसे ज्यादा रेट मिलेगा……हमने शहर में दूध सिप्लाई की फैकटरी लगाई है …हर गांव से हम लोग दूध इक्डा कर रहे है….. इस गांव का दूध इक्डा करना का काम मुझे मिला है.

 

गूला ….दूध का रेट क्या रहेगा.

आदमी ……50 रू किलों के हिसाब से लेगें.

पंच …….क्यां एक किलों के 50 रू मिलेगा.

आदमी ….जी.

गांव वालों को क्यां पता वो उसकी बांतों में आ गए,क्यांकि यहां पर ज्यादातर लोग गरीब थे उनके पास भैसों तो थी।


लेकिन,उनको कभी यह नहीं पता था, की दूध से कमाई  यांनी की हम लोग दूध का व्यवसाय भी कर सकते है.

पंच………..यह तो बहुत बढ़िंया काम है हम लोग घर बैठे — बैठे पैसे कमा सकते है.


आदमी …..जी बिलकुल कमा सकते हो.


 

ग्राम पंचायत घर | Gram Panchayat Ghar

 

सुबह के 10 बज रहे है,आदमी गाडी लिए खडा है और लोग एक तरफ रखें डोल में दूध डाल रहे है और जो भी उनका पैसा बनता है.आदमी उस हिसाब से पैसा उसको पैसा दे रहा है,गांव वालों की खुशी का कोई टिकाना नहीं रहा,वो पैसे के देखकर पागल हो रहे है।

 

पंच……….आदमी को देखते …..मुखियां जी

मुख्यिा…….का हा?

पंच ………..बंदा तो अच्छा लगता है।

मुखियां…….हां अगर अपन का यह दूध वाला धन्धा चल पडा तो दूध से कमाई अच्छी कर सकते है…का कहते हो।

पंच………….एक दम सहीं कहा।

आदमी …….ठीक है मुखियां जी ….चलते है कल को फिर आऐगें आपके गांव से दूध लेने के लिए

बाद में आदमी चला गया।

पंच………..लगता है हमको भी भैंसों को रखना पडेगा…….पैसा कमाने का यह काम एक दम मस्त है।

 


ग्राम पंचायत घर  

दूसरी सुबह.next morning …..


आदमी ……पंच से …मुखियां जी बस 20 लीटर ही दूध मिला ऐ आज

पंच ………..बाई साहिब गांव में भैसों भी तो 20 ही है.

आदमी ……अगर आप लोग दूसरें गांव से दूध लाकर देगें तो मैं आपको 60 रू किलों के हिसाब से पैस दूंगा।

गुला………..मैं ला दूंगा ..साइकिल पर मुझे देना।

आदमी ……ठीक है दूंगा वादा रहा।


 

अगले दिन … next day .. आदमी आया और लोगों ने उसको दूसरें गांव से दूध लाकर देना चालू कर दिया और जो जितना दूध लता वो उसको उस हिसाब से पैसा payment दे देता।


अब गांव वालों को और गांव के पंच और मुखियां जी को पक्का यकीन हो गया,की यह paise kamane ke tarike सबसे असान रहेगा,अचानक दूध कम होने लगा,इस की बजा यह रही की भैंसें बीमार पढ गई और दूध कवेल 5 यां 10 लीटर ही इक्ठा हो पाता।


आदमी …….मुखियां से ..यह क्या हुआ दूध 5 लीटर कम हो गया.

गांव के लोग……..हमारी गांव की तीन चार भैंसे बीमार पढ़ गई है.

 


अगले दिन सुबह 11 बजे

आदमी…….मैं आप लोगों को एक सलाह देता हूं,आप मुझे पैसों दे मैं आपको भैेंसे लाकर दूंगा।

पंच जी …….मेरे पास नीं है।

आदमी …….तो फिर लाओ पैसों मैं ला दूंगा।

यह सोचते पंच जी ने पैसें दे दिऐ की पैसा कमाने का आईडिया अच्छा रहेगा और उनको आदमी पर भौरसा भी था.

 

कुछ समय के बाद आदमी भैंस ले आया,यह देखते गांव वालों को पक्का यकीन हो गया,की यह आदमी एकदम ईमानदार है.

इसने हमको गांव में रहते हुऐ अच्छा तरीके से paise kaise kamaye jaldi  मैं उसके बारे बताया,कोई और होता तो पैसा लेकर भाग जाता.

 

आदमी …….गांव वालों से …अगर आप लोगों ने भी भैंसे लेनी है तो बता दों.

आदमी ……एक बार पैसा लगाकर आप लोग घर बैठे पैसा कमा सकते हो.

आदमी ……वो भी उर्म भर के लिए..नां बाहर जाने का चिंता नां कोई और चिंता.

 

गांव वालों को विशवास हो गया की यह सहीं बोल रहा है और आदमी भी एक नंबर का ईमानदार है,क्योंकि इसने हमें पैसें भी दिऐं। अगर पैसा लेकर भगना होता,तो यह पंच को भैंस ना लाकर देता,जिन लोगों के पास एक — एक भैंस थी उन्हेंने आदमी को पैसा देना का फैसला कर लिया।


अगले दिन सुबह 9 बजे

अगले दिन..आदमी आया उसके साथ एक लड़की भी थी,सभी Gram Panchayat Ghar इक्ठे हो गय।

पंच जी ……..यह छोकरी कौन है?

मुखिया………हां — हां …पहिले कभी नहीं देखी

आदमी ………यह हमारी बडी मैडम है।

सभी नं हां में हां मिला लई,सारा हिसाब— किताब इनके पास होता है,आप ​जल्दी से पैसा दे तां की हम रूके काम को जल्दी से चालू कर सकें।

 

हीरा लाला…….मुखिया जी का विचार है।

मु​खियां ……….का विचार का …मतलब …आप जल्दी से पैसा लाओं और काम चालू करों।

सभी ने आदमी को 10 — 10 हजाऱ ​दे दिया।

लड़की ……….आप लोगों का 1 50 लाख हमारे पास आ चूंका है।

पंच …………….जी मैडम बिलकुल

हीरा लाल………अब आप जल्दी से भैंसों को ला दें।

आदमी ………..हां— हां कल तक आपको आपकी भैंसे मिल जाऐगी।

आदमी … ……अब हम लोग चलते है।

बाद में आदमी और मैडम वहां से चले गए।

 


दो दिन के बाद।

सभी आदमी और मैडम का इंतजार कर रहे है।

हीरा लाल……..पंच जी दो दिन हो गया आदमी अभी तक नहीं आया।

पंच जी ………..आ जाऐगा…बंदा ईमानदार है कई बार भैंसों नहीं मिलती समय सिर।


 

एक हफते के बाद

सभी लोग जिन्होंने आदमी को पैसा दिया था मुखियां के पास बैठे है।

हीरा लाल …….एक हफता हो गया ..साला अभी तक नहीं आया।

पंच जी ………..हां सही है बात तो ।

मुखियां जी …….मुझे नहीं लगता की वो आदमी अब वापिस आऐगा,लगता है हमार पहिले विशावास जीत कर बाद में हमको ठग कर ले गया।

 


दो महिने के बाद भी वो आदमी नहीं आया और गांव वालों ने उसका इ्ंतजार करना छोड़ दिया,कई लोग अब भी मुखियां के यहां पर बैठे रहते है।

की ना जाने क्यां पता वो मुखियां को उनके पैसे वापिस कर गया हो


अंत में………

यह कहानी से हमें यह सीख मिलती है की 

1.लालज बूरी भला होती है।
2.जल्दी किसी पर भोरसा नहीं करना चहिऐ वो भी आज के समय में।
3.जल्दी में किसी की बांतों में नहीं आना चहिए।

अगर गांव वाले उसके साथ जाते,तो उनके साथ ऐसा नहीं होता,उनका मेहनत से कमाया पैसा कभी नां मरता।

 


 

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