समझदारी |Bacho ke liye kahani in hindi

रियल लाइफ स्टोरी इन हिंदी समझदारी | Bacho ke liye kahani in hindi मोहन और दो चोरों के ईद — गिर्द घुमती है और इस लघु कथा को पढ़ने के बाद आपको मोहन की समझदारी का पता चल जाऐगा.

कहानी के पात्र — गांव वाले । मोहन । दो चोर 


समझदारी |Bacho ke liye kahani in hindi

भी शाम पूरी तरह से हुई नहीं…………कि कोहरा ने धरती को अपनी लपेट में लेना शुरू कर दिया ……. कंपाती ठंड में लोग घर से बाहर निकल के se डरते हैं,आकाश में बादल छाए हुए हैं ऐसा लग रहा है कि #Barish होगी.

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इधर Mohan धीरे- धीरे बैलगाड़ी liye अपने घर की ओर चला आ रहा है.धीमी -2 हवा चल रही है, जिसकी वजह से बैल ठंड महसूस कर रहे हैं और मोहन उनको दिलासा देता घर की तरफ चला आ रहा है.

तेज हवा ने मोहन के लोटन को बुझा दिया,देखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है,जैसे ही Mohan घर पहुंचा तो उसके बैलों ने सुख का शांस लिया और Mohan ने कमरे के अंदर बैलों को बाध कर दरवाजा बंद कर दिया.

जैसे ही कमरे के अंदर जाते हैं तो एकदम बैठ जाते हैं थकान महसूस करते हुए…. मोहन ने हाथ मुंह धोया और धूपबत्ती करने के बाद सो गया कुछ ही समय के बाद आंन्धेरा हो जाता है और Gaon के आवारा कुत्ते भक्ने लगते हैं.

तरह- तरह डरवाने अवाजें आने लगती है जो की एक अकेले आदमी को डराने के लिए काफी है.अकांश में जोर — 2 से बादल गरजने लगते है और साथ में बिजली ऐसे कडक रही है मानों की सब कुछ राख कर देगी.

 


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मोहन गहरी नीद में सो रहा है तभी बारिश की बूदे पास पडी चाय बनाने वाले बरतन पर गिरने लगती है और मोहन को इस बात का कोई अता पता नहीं होता

बाहर बारिश पूरे जोर से हो रही होती है जारों तरफ अंन्धरा होता है गांव के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होते है अैर इधर मोहन के बैल भी गहरी नींद में सो रहे है।

मोहन के घर से दूर एक रोशनी नज़र आ रही होती है कुछ समय के बाद आलोप हो गई और फिर नज़र आने लगी जैसे — जैसे रोशनी घर के पास आने लगी तो उसका अकार बडा होता गया.

कुछ ही समय के बाद रोशनी पूरे आकार में बदल जाती है.पास आने पर पता चला कि Yeh दो आदमी थे जिनके हाथों में लालटन था.वह आकर मोहन के Ghar के पास रुक जाते हैं और लालटन टांग देते हैं.

पहला चोर बोला यहीं है मोहन का घर उसने बढ़ेगी धीमी आवाज में दूसरे चोर के कान में यह बात कहींं दूसरा चोर कुछ बोला तो नहीं उसने हां में सिर हिला दिया फिर उन्होंने बोतल निकाली और और चाय पीने लगे .

पीने लगे सर्दी उनको इतनी लग रही थी की ठंड की बजा से चाय वाले हाथें में पकडे गिलास हिल रहे थे ठंड से इन दोनों चोरों का बुरा हाल था  चाय पीने के बाद दोनों ने देखा की बैल मजे से सो रहे है.तो उन्होंने बैंलों को खोल लिया और बाद में वहां से चलते बने इधर मोहन को इस बात का कोई पता नहीं होता यह दोनों जोर गांव के हीं थे.

सुबह होती है ………मोहन उठा चाय पानी पीने के बाद जैसे ही वो बैलों के कमरे में गया उसका चेहरा उठ गया बैलों को वहां पर ना देखकर वह हैरान हो जाता है वह गांव की तरफ भागता है और आते – जाते लोगों से पूछता है.


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कोई भी उसको Buffalo के बारे में नहीं बता रहा था Mohan घर आकर बैठ जाता है आंखों में आंसू है,फिर उसके दिमाग में बैलों की लातों पर लाल रंग की निशानी { Red color } लगाने की बात दिमाग में आ जाती है.

तो अब  ढूंढना उसके लिए easy हो गया But थोड़ा मुश्किल भी था…….. गांव के किसी भी Kisaan के पास उसके बैल नहीं मिलते वह ऐसे में दूसरे गांव जाता है तो अचानक एक पेड़ के नीचे उसके बाल खड़े हुए उसको दिखाई देते हैं.

 

चोर दोपहर के समय की वजह से सो रहे है उसने चोरों को उठाया और बैलों के बारे में पूछने लगा चोरों ने जवाब दिया की हम किसान है.लेकिन मोहन ने उनकों बैलों की लातों पर अपना नाम मोहन दिखाया और चोर यह बात सुन कर ओैर बैलों की लातों पर यह निशानी देखकर एक दूसरें की तरफ देखने लगे.


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मोहन ने पुलिस का नाम लिया तो दोनों चोरों ने माफी मांगी और मोहन को बैल वापिस कर दिऐ मोहन खुश था और वो बैलों को लेकर घर की तरफ चला आया.

पहिला चोर ..आगे से बैलों को चुराते समय इस बात का ध्यान रखना की उसने ऐसी वैसी कोई निशानी तो नहीं लगाई जिसकी बजा से हम पकडे जाऐ.


अंत में…………... हमें इस छोटी रचना {समझदारी | Bacho ke liye kahani in hindi } से सीख मिलती है… की आप कोई भी कार्य करें उसको समझदारी से करें जैसे मोहन ने अगर बैलों की लांतों पर निशानी ना लगाई होती तो उसके लिए अपने बैलों को पहचना बहुत मुशिकल हो जाता तो यह उसकी समझदारी थी.

Written by :- Sukhwinder Dhimaan { facebook.com/sukhwindersnghdhimaan}


धन्यवाद | Thanks for reading 


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