मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी-जीत गया

 

रचना मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी-जीत गया-जीत गया  कुन्दन के आपपास घूमती है,जिसके पास कोई कार्य नीं. यह रचना आपको हैसला देगी.आपको कार्य में कामयाब होने की हॅलाशेरी देगी.

मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी-जीत गया-जीत गया Story Character 

1.कुन्दन.
2.मैथी …कुन्दन का पापा 
3.हरीलाल …..फैज वाली लड़की  


1.Please note:- This story copyright from Mumbai film writers association, so do not copy for any short film and sale our without permission.

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Part no: – 1. मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी-जीत गया

कंन्दन Electric scooter को स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा है,लेकिन Electric scooter स्टार्ट होने का नाम नहीं ले रही,कुन्दन के पापा चारपाई bed पर बैठे दांतन मुंह मंे डाले यह सब देख रहे है।

मैथी …. “बोला था नां ………शांम को  को देख लो की चलता भी है यां फिर नहीं।”

 

मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी-जीत गया | Motivational Stories in Hindi for Class 10
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कंन्दन ……..बाईक के लात मरते ………” चल पढ़ शाले…काहे को हैरान कर रहा है।”
 
 
मैथी ………..धूक्ते ……….” एक बार फिर देख ले क्यां पता मान जाऐ।”
 
 
कंन्दन ने फिर किक मारी और स्टूकर स्टार्ट हो गया।
 
 
मैथी …….बाईक पर बैठे बोला….. ” इस बार रेस निकाल देना …समझें।”
 
 
कंन्दन ..अपने पापा से …. “जी पापा …..कोश्शि पूरी करूॅगा लेकिन देखों क्यां बनता है।”
 
 

 
 

Part no: – 2. मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स

 
सीन फैर्जी भर्ती के मेैदान का
 
देश के कोने – कोने से लड़के Foji ki bharti के लिए आऐ है,मैदान लड़कों से पूरी तरहां से खचाखच भरा है,मैंदान में अंदर जाने से पहिले हर लड़के का नाम और पता यांनी पूरा पता एक Foji गेट पर खडा लिख रहा है.
 
 
दूर तक लंबी सी लाईन लगी है,लाईन के पीछे Two boys खडे समाने चली आ रही फैजी लड़की के बारे में आपिस में बांतें कर रहे है।
 
 
पहिले वाला बोला….   ” इसको छोडते है।”
 
 
दूसरा ……….जाने दे ना यार ………” कहे को पंगा ले रहा है फालतू की मार खऐगा।”
 
 
 
लड़की उनके पास से निकलने लगी।
 
पहिले वाला ……लड़की से …… “हमकों भी अपने यहां पर भर्ती कर लों।”
 
 
 
लड़की होठों में मुस्करती
 
” चुपचाप खडा रह …तुमने मेरे पास हीं आना है।”
 
 
 
यह कहते वो आगे की तरफ चली गई,तभी वहां पर कंन्दर आता है।
 
 
कुन्दन ….. अरे इतना लंबा लाईन……..लगता है की मुझे आने में देर हो गई…पता नई साला नंबर आऐगा यां फिर खाली मुंह लेकर घर वापिस जाना होगा.
 
 
कुन्दन लाईन में लगा गया और जैसे – तैसे करके उसका नंबर आ गया,सभी कों रेस वाले मैदान में खडा कर दिया,फैजी लड़की ने घंटी बजाऐ,सभी ने दौडना शुरू कर किंयां पहिले तो कुन्दन तेजी से दौडता रहा.
 
लेकिन,आखिर में उसकी सांशों फूलने लगी और वो धरती पर जा गिरा,Kundan  खडा हुआ और कुछ दूर तक जाने के बाद वो फिर धरती पर नीचे बैठ गया.
 
 
कुन्दन….. मैं हार गया …सुबह खाली पेट दौडा उठ- उठ कर उसका कोई फैयादा नहीं हुआ.
 
फैजी वाली लड़की …  ऐ लड़के …तुम से रेस नहीं निकलेगी …तू आज तीसरी बार फिर हार गया …..लगता है thik तरीके से अभियास नहीं करता ?
 
 
 
 
कुन्दन……….मैडम् ……..मैं मेहनत hardwork तो बहुत करता हूं सुबह और शांम को एक घंटा रेस लगता हूं……….ऐसा क्यों होता है मेरे समझ में नहीं आ रहा.
 
 
लड़की …………तो फिर foji ki bharti वाला काम छोड़ …….. कोई और काम देख ले रे.
 
 
कुन्दन……… ऐसा नहीं मैडम ..मैं तब तक हार नहीं मनूॅगा जब तक मैं जीत ना जाउॅ अगली बार फिर   आउॅगा और जीत के जाउॅगा.
 
 

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Part no: -3. मोटिवेशनल स्टोरी फॉर चिल्ड्रन

{घर का सीन}

 
मैथी गां माता को चारा डाल रहा है,तभी बाहर से लड़के की आवाज़ आई
 
” कुन्दुन ……अरे ओ कुन्दन ……कहां है।”
 
 
मैथी ……” है नहीं घर par 
 

लड़का ……” कब आऐगा ……घर पर कुछ अता पता ?।”

मैथी ………”पता नहीं शांम हां जाऐगी किसी कार्य work से बाहर गया “

लड़का …. ” पता नहीं साला कब पैसा देगा मेरे।”

 


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बाद में लड़का वहां से चला गया,ठीक कुछ समय के बाद {after the some time} कुन्दन आ गाया, उसने Electric scooter को खडा किया और अंदर की तरफ चला गया, तभी कुता dog आया और स्कूटर के टाईर पर पिसाब करने लगा.

कुन्दन की नज़र कुतें पर पडी।

कुन्दन ……” रूक तेरी तो…मुतने के लिए क्यां मेरा ही स्कूटर मिला “


बाद में Kundhan अंदर चला आया,उधर से मैथी आया, उसने कमीज को उतारा और पास वाली दीवार पर टांग थी, लेकिन कुछ समय के बाद कमीज नीचे आ गरी


मैथी ने उसकी तरफ देखा ओैर नां में सिर हीला दिया,लेकिन उसने कमीज को वापिस उठाया नहींं.

मैथी …..” कहां हुआ ?”

कुन्दन …. कुछ नहीं हुआ ….अपन फिर हार गया।”

मैथी ……” वो तो तेरी शक्ल हीं बता रही है।”

मैथी ….” यह ले पी ले।”


बाद में मैथी कपड़े सीने वाली Machine के पास बैठ गया और चाय पीने लगा,फिर उसने बीढी निकाली और पीने लगा।

मैथी…….खॉसते हुऐ……..” मन से निकाल दे फैजी वाली नौकरी को…अब कितनी बार देखेगा इसको ….कोई और काम धन्धा देख।”


कुन्दन … ” एक दो बार और देख लेते ऐ …क्यां पता।”

मैथी ………….  ” पैसा चलता ऐ पैसा…..और वो अपन लोगों के पास है नहीं….किसी अमीर का होता तो कब का लग चुंका होता।”


कुता फिर स्क्ूटर के पास आया और टाईर को छूगने लगा।

कुन्दन ….. ” रूक साले।”

कुता भाग गया.

कुन्दन … ” यह नहीं हो सकता …. मेरा नाम कुन्दन और मंजिल तक तो हर हाल में पहुंच कर रूगा चाहे, Bhagwan ही क्यो ना मेरा रास्ता रोक के खडा हो जाऐ”

 


 

 


आप पढ़ रहे हो मोटिवेशनल कहानी हिंदी में

 

अगले हफते कुन्दन उठा और उसने दौडना चालू कर दिया,एक दिन वो घर से कुछ हीं दूर गया था, की रास्तें में ईट पडी थी और उसका पांव जोर से ईट पर लगा,ऐसा होने से Kundhan गिर गया और दर्द मुहिशुश feel करनें लगा.

उसने दोनों हाथों से पांव को पकड लिया और आॅखों बंद कर ली,तभी उसकी आॅखों में से दर्द के आॅसू बाहर निकले जो की आकर उसके पांव पर गिर पडे,पांव से blood निकल रहा था और कुन्दन लखडखडाते हुऐ वापिस घर की और चला गया.

 


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कुन्दन के Father कपड़े छी रहे है,जैसे ही वो अंदर आया मैथी उसको इस हालित में देखकर हैरान हो गए।

मैथी .  ……कां बात ?”

मैथी …….” अरे तुम्हारे ते पांव पर चोट लगी।”


कुन्दन दर्द महिशुश कर रहा है, बाद में मैथी ने जैसे-तैसे करके उसके पटी बाद दी,बाद में कुन्दन Bed पर लेट गया मंखीयां उसके पांव के आस पास घुम रही है,वो पांव से उनको दूर भागने का प्रयत्न try कर रहा है.

 

मैथी …………………..” कितनी बार बोला……इतनी सुबह उठकर मत जाया कर….दिन में क्यां कोई मना करता ऐ ……तुमको जाने के लिए।

कुन्दन. ……………” कोई बात नीं रे बा बा …जब चलेगें तो रास्तें में मुशिकलें तो आती ऐ….जो होना है होने दो साला।”

 

सुबह के 4 बज रहे है और गली में कुत्तें भैंक रहे है,कुन्दन उठा  पांव पर चुनी बादी है और वो लडखडाते हुऐ पिसाब करने के लिए चला गया,पिसाब करते – करते उसने दीवार से सिर उठाकर देखा तो कुतें अपिस में झगडा कर रहे है,यह देखते उसने नां में सिर हीला दिया और वापिस आकर चारपाई bed पर बैठ गया.

पांव की तरफ देखने लगा और दर्द भी महिशुश कर रहा था,फिर उठा और मैथी के Room  के पास जाकर खडा हो गया,देखा की Bapu सो रहा है।


बाद में उसने चारपाई को उठाकर एक तरफ kiya और बा​हर की तरफ चला गया कुते उसको देखकर भैंकने लगे.

कुन्दन ……………… हट – हट भाग यहां से”

 

कुन्दन……….. तू क्यां समझती है … पांव पर चोट मार मुझे रोक लेगी….नहीं रोक सकती मुझे …तुम्हारा बाप फिर चला दौडने के लिए “

 

आधी आऐ ..तुफान आऐ ..बारिश आऐ
सब कुछ जाऐ ..अपन ना हटे ..नां ऐ मेरा कुन्दन”

 

बाद में उसने धीरे – धीरे दौडना Start किया पांव पर चुंनी बदी ऐ धीरे-धीरे वो नीचे की तरफ गीसके ​लगी,आखिर में end वो नीचे आ गई पांव के पास.

कुन्दन रूका और चुंनी को खोलकर उसने कंन्थे पर रख लिया,और लगडाता हुआ धीरे — धीरे चलने लगा ऐसा करते वो काफी दूर चला गया पांव में से धीरे धीरे खुन निकलने लगा और वापिस घर लौट आया पांव खून से लथपथ है बाद में उसने पांव को साफ कियां.

 

कुन्दन ……..  निकले- निकले जितना निकलना है तू भी जोर लगा रे “

 

अगले दो — तीन हफतों तक उसका पांव ठीक हो गया,लेकिन उसने दोैडना जारी रखा कुछ समय के बाद फेैजी बर्तीआती है,सभी मैदान में खडे हो गऐ,लड़की ने घंटी बजाऐ और लड़कों ने दौडना चालू कर दिया,कुन्दन दौडता रहा, Lekin कुछ समय के बाद वो गिर पडा और उसके पांव में से फिर खुन निकलने लगा,कुन्दन को जोर- जोर से दर्द होने लगा.

 

कुन्दन …………….. हो भगवान मेरा पांव तो गया”

बाद में उसके पास फैजी लड़की आती है 

लड़की …………..  ” चोट खा कर बैठ गया”

कुन्दन कुछ नहीं बोला उठकर दौडना लगा और फिर धरती पर जा गिरा,लड़की पीछे आ गई.

 

लड़की ………….. …चलांे उठों पांव पर काफी चोट लगी है …पटी करनी पडेगी।”

लड़की ने उसके पांव पर पटटी कर दीं

कंन्दन ……………. धन्यावाद जी।”

 

लड़की ……..” तेरी तो Luck हीं खराब ऐ ..दो साल से देख रही हूं तुमको ..हर बार हार जाएता ऐ ..कभी जीत कर भी दिखा दे …

अगर तुमसे नहीं निकली Race तो छोड़ दवा कर …कोई और काम धन्धा कर लें…क्यों अपना समय Time waste कर रहा ऐ ..लड़कें.

 

कुन्दन……..होठों में मुस्कराते हुऐ

 खेला खेल रही ऐ किस्मत मेरे साथ …उसको लगता ऐ की मैं कामयाब नहीं होगा …और थकहार कर पीछा छोड़ दूंगा …लेकिन, यह हार मुझे हर बार एक हैसला देती है ….एक नया और ताकतबार हैसला….

देखते ऐ …जीत किसकी होती ऐ …किस्मत की यां फिर कुन्दन की …पीछा नहीं छोडने वाला एक दिन यहीं हार को जीत में बदल कर दिखा दूंगा आपको ..नाम मेरा कुन्दन ऐ।

 

लड़की …… बडी फिल्मी बातों कर रहा है तूं …चल तु फैजी बन जाऐ यह मै तेरे लिए भगवान से दवा  करूॅगी…….लगे रहों एक दिन मंजिल मिल जाऐगी …आज नहीं तो कल ..कल नहीं तो परसों।


कुन्दन…….हां में सिर हीलाते … ” जी धन्यावाद ..अगली फर्ती पर मिलते है।”

लड़की ……हां में सिर हीलाते …..” जीत कर दिखाना।”

कुन्दन ने हां में सिर हीलाया और वहां से चला गया.


 

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कुन्दन दो साल तक fauji bharti का Wait करता रहा और आखिर में जिस दिन का वो पछिले दिनों से इंतजार रहा रहा था,वो एक दिन पुरा हो गया और गांव का आदमी बैंक में चपडासी था उसने कुन्दन को फैर्जी भर्ती के बारे में बताया.

 

सभी मैदान में खडे है फैजी वाली लड़की ने सीटी मारी,तो सभी दौडने लगे,कुन्दन दौडते – दौडते गिर गया,क्योंकि उपर से तेज बारिश हो रही थी और मैदान मे पानी खडा था Kudhan पूरा तेजी से दौड रहा था,उसने पीछे की तरफ ेदखा तो कवेल एक लड़का उसकी तरफ तेजी से भागा आ रहा था,आखिर कार कुन्दन जीत गया.

 

बाद में कुन्दन लड़की के पास आया।

कुन्दन …….होठों में मुस्कराते ……” लो आपकी हार को मैंने जीत में बदल दिया और किस्मत हार गई”

लड़की …उसके कंन्थे पर हाथ रखती …

” तुमसे ज्यादा खुशी मुझे है …तुमको नौकरी की बधाई हो….तुमने कर दिखाया की अगर मंजिल तक पहुंचने के लिए ईरादा पक्का हो तो हार जीत में बदल जाती है।”


अंत में :-

देख लियां आपने की कुन्दन एक दिन जीत गया,भले ही उसको TIme लगा लेकिन एक दिन उसने हार को जीत में बदल दिया और एक आप हो यह मान कर बैठ जाते हो की यह मेरे से नहीं होगा,मैं इससे नहीं कर सकता,अगर हार गया तो लोग क्यां बोलेंगे ?

आपने यहां पर लोगों की नही सुननी,कुन्दन के पांव पर चोट लगी लेकिन ​वो फिर भी नहीं बैठा लगा रहा,वो कितनी बार हारां आपने पढ़ लिया होगा,लेकिन हर हार से उसने कुछ सीखा जो कमीयां थी उनको दूर किया और एक दिन जीत गया.

 

” घर से निकलगों तो रास्तें खुद बन जाऐगें ऐ दोस्त
अगर घर बैठे रहे नां तो रास्तें बनेंगे नां ही आपका कुछ”

 


हम आपसे पछूते है…मोटिवेशनल स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी-जीत गया कैसी लगी. 

1.अच्छी लगी।?
2.आपने इससे क्या सीखा।?
3.क्यां इसमें कोई सुधार की जरूरत है।?

आपने जवाब को नीचे दिऐ कमेंट बॉक्स में लिखे आपके जवाब का इंतजार रहेगा।


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