मॉर्निंग असेंबली स्पीच इन हिंदी | Speech on earthquake in Hindi turkey and Syria

Morning assembly speech hindi mein :- ” भूकंप 😮😮आ गया…………. जल्दी बाहर निकलो……… जल्दी से “

यह जोर — जोर की आवाजों अपने अक्सर  टीवी | रेडियो | यूट्यूब वीडियो | हॉलीवुड |  बॉलीवुड फिल्मों में अक्सर  सुनी होगी यां फिर कभी — ना कभी आपने भी बोला होगा. 

 

भूकंप का नाम सुनते ही हर इंसान के पैरों तले जमीन खिसक जाती है,ऐसे में चाहे वह कितना बड़ा ऑफिसर क्यों ना हो किसी सरकारी डिपार्टमेंट |  जा फिर किसी प्राइवेट डिपार्टमेंट का या फिर ऐसे लड़का हो लड़की बूढ़ा आदमी हो.

 


या फिर अपने आप को किसी इंडस्ट्री का सुपरस्टार ही क्यों ना कहलाता हो | हर वो इंसान जिसने इंसान के रूप में धरती पर जन्म लिया है भूकंप का नाम सुनते ही वह थरथर कांपने लगता है.


 क्योंकि भूकंप 😮😮 शब्द जो इतना डरावना है,


इसके आने की वजह तो बहुत सारी है,लेकिन इसमें एक बजा | Reasons है,जो सबसे Main  है वह कुदरती चीजों के खिलाफ और कुदरत के बनाए कानून के खिलाफ छेड़छाड़ करना.

 

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लगता है आप ठीक से समझे नहीं होंगे, कोई बात नहीं आप टेंशन मत लीजिए आपको ठीक से समझाते हैं, आप की भाषा हिंदी में एक मोटी सी मिसाल देखकर.

 

मान लीजिऐ :- आपके पास एक इंसान बैठा है और आपके हाथ में सुई है, आपने पहले हल्का सा उसके हाथ पर सुई को मारा.


2.तो आपने बोला उसको सॉरी……….. उस इंसान ने आपकी तरफ मुस्कुराते हुए आपकी सॉरी को स्वीकार किया.


3.आपने फिर उसके हाथ पर जोर से सुई को मारा…..  उसने आपकी तरफ गुस्से में देखा,लेकिन कुछ बोला नहीं और ना ही कुछ किया.


4.लेकिन आप अपनी हरकतों से बाज नहीं आए……………….आपने फिर जोर से सुई को मारा उसके हाथ पे और खून निकल आया, तो इस बार उस इंसान को गुस्सा आया.


5.उसने आपकी गाल पर एक तमाचा मारा.

 

6.आखिर वो इंसान कब तक आपको बर्दाश्त करता रहता……….. कब तक आपके उस सुई के दर्द को सहन करता रहता जो उसके हाथ पर आप बार — बार मार रहे थे.


{ ठीक वैसे ही तुर्की के मुंह पर कुदरत ने तमाचा मारा ठीक वैसे ही कुदरत हर देश के मुंह पर तमाचा मारेगी अगर आप बार-बार नियमों के खिलाफ जाकर उसकी प्राकृतिक चीजों से छेड़छाड़ करोगे.

 

अभी वक्त है सुधर जाए …………. वो लोग जो कहते हैं कि हमें विकासकरना है और हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं नहीं तो कुदरत एक दिन ऐसा तमाचा मारेगी…….. कि सब कुछ खो बैठोगे.

 

 

मॉर्निंग असेंबली स्पीच इन हिंदी | Speech on earthquake in Hindi turkey and Syria

 

अगर आप किसी कॉलेज के स्टूडेंट हो, इसके बिना यदि आप किसी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हो और किसी स्कूल में स्टडी कर रहे हो, जहां नीचे आपकी भाषा हिंदी | Hindi Language में बहुत ही सरल तरीके से 1 को छोटा सा भाषण.

या फिर आप बोलो कि छोटी सी स्पीच भूकंप पर निबंध और भाषण के रूप में लिखी गई है,जिसको आप अपने मॉर्निंग असेंबली स्पीच के समय अपने Teachers के साथ और अपने स्कूल स्टूडेंट्स के साथ शेयर कर सकते हो.

 


 

Speech on earthquake in Hindi :- आज आपके समक्ष बात कर रहे हैं,तुर्की में आए भूकंप के बारे में। जो आया तो कुछ देर के लिए था पर बहुत सी लोगों को अपने साथ ले गया और बहुत सी उथल— पुथल कर गया।

 

एक अनुमान के अुनसार जमीन के 10 किलोमीटर अंदर तक इसका केंद्र था। बहुत से Country ने भूकंप के झटके Feel किए,परिवार के परिवार खो गए।


बहुत से मां बाप | Parents अपने बच्चों से बिछड़ गए और बहुत से बच्चे अपने मां बाप से जुदा हो गए। इंसान अपनी मेहनत से थोड़े बहुत पैसे जमा करके बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करता है, चैन से सोने के लिए ,सुकून से रहने के लिए पर क्या पता कब यह जलजला आता है और सब कुछ दबा कर के चला जाता है,

 

 

2.क्यां है इसका सबसे बडा कराण ?

 

कुदरत | Nature  के कानून से छेड़छाड़ भी कारण बनता है। इसी छेड़छाड़ की वजह से कुछ साल | Year पहले बहुत सी जाने गई थी,जब करोना ने सबको अपनी लपेट में लिया था।

 

जगह- 2 पर पेड़ों की कटाई करना बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण करना ऐसे बहुत से कारण है,जिनसे ऐसी आपदाओं का जन्म होता है। साइंस की तरक्की से हमारा जीवन सुखमय  तो हुआ है,लेकिन साथ- 2 हमारे वायुमंडल मे प्रदूषण | Environment position  भी बढ़ रहा है।

 

जब Kudrat का तापमान बिगड़ता है,तो ऐसी कई आपदाएं Janam लेती है। ऐसी घटनाओं से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए ,अभी भी रुक जाना चाहिए मत कीजिए कुदरत से खिलवाड़.

 

बिल्कुल सादा जीवन | Simple Life जीना चाहिए, फिर से हमें वहीं पर आ जाना चाहिए ,वही कच्चे घर, वही कच्ची सड़कें बिना प्रदूषण के आना-जाना यह गाड़ियां मोटर गाड़ियां छोड़कर घोड़ा गाड़ियों पर आ जाना चाहिए।

 

लेकिन, सब कुछ बदल | Change गया है, इंसानों का रहन सहन | Life Style सब कुछ तहस-नहस हो चुका है, हमें कुदरत ने बनाया है हमें कुदरती तरीके से अपना Jiwan जीना चाहिए.

 

साइंस ने हमें नई -2 चीजों के साथ जोड़ तो दिया,लेकिन हम बिल्कुल निकम्मे हो चुके हैं,हम यह चाहने लगे हैं कि बिना हाथ हिलाए हमारे सारे कार्य | Work संपन्न होने लगे।


 


3.Turkey VS india  

इस बात में कोई शक नहीं, कोई Doubt नहीं, कि तुर्की जैसा देश भारत को आंखें दिखाता रहा है, हमेशा ही उसने India के विरुद्ध चालें चली है और उसके विरुद्ध बातें की है.


लेकिन, भारत देश | Bharat Dash  इन सब बातों को पीछे छोड़ते हुए इन सब बातों पर मिट्टी डालते हुए, तुर्की में जो आज हुआ India ने अपनी सहायता | Help के रूप में अपना कदम तुर्की की धरती पर सबसे पहले रखा है.

 

तुर्की देश में इंडिया के लोग वहां के लोगों की हेल्प | Madad कर रहे हैं, कुछ लोग इनको, देवदूत बोल रहे हैं, लेकिन कौन है ? Yeh लोग जो वहां पर जाकर तुर्की के लोगों की मदद कर रहे हैं.

 

जहां पर उन लोगों की जानकारी के लिए बता दें, तुर्की में वहां के लोगों की कोई और मदद नहीं कर रहा, एक भारत की एक संस्था है जिसका नाम है एनडीआरएफ.


 

4.एनडीआरएफ. NDRF { राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल } का विशेष योगदान

जहां पर थोड़ा सा National Disaster Response Force की स्थापना Year 2006 में की थी, जिसका मकसद अगर किसी देश में कुदरती संकट पैदा होता  National Disaster Response Force  कुदरती संकट से लोगों की मदद करती है जो कि कहलाती है एनडीआरएफ की टीम.

 


एनडीआरफ की टीम ने तुर्की में जाकर जो वहां के लोगों की मदद की इस हालत में जो मदद की तो लोग टीम के इस काम से और उनके द्वारा की गई इस Help से काफी खुश है.

 

तुर्की हमेशा से भारत के विरोध में रहा, लेकिन फिर भी Hindustan ने बिना किसी देरी | किए बिना समय गवाएं | सभी बातों को भूल कर | एक इंसानियत सोच को मुख्य रखते हुए.

 

एक इंसानियत के खातिर अपनी सेना को भारत ने जिसका नाम है एनडीआरएफ को वहां के लोगों की मदद के लिए भेज दिया, यह वही एनडीआरएफ है. जिसने हर देश के लोगों को बड़ी से बड़ी आपदा से निकाला है.

 

और टीम को इसी काम कि उनको शाबाश भी मिलती रही है,आदि को भेजा जा चुका है,भारत ने बिना समय नष्ट किए, तुर्की देश को हर वह मदद दी जो वहां के लोगों चाहिऐ, जो कि एक इंसान को उसकी जरूरत होती है.

 

जैसे कि :- राशन | दवाइयां | डॉक्टर

आदि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बच सके और उनको एक नई जिंदगी मिल सके. 


 

जहां पर एक बात कहनी बनती है,कि जो हुआ वहां पर उसको वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन एनडीआरएफ की तरफ से जो मदद का हाथ बढ़ाया है वह हिम्मत पैदा करता है.

 


 

5.कुदरत से दोस्ती और कुदरत से प्यार

जैसे एनडीआरएफ टीम ने तुर्की में फंसे लोगों की मदद के लिए अपना हाथ उनकी तरफ किया है,ठीक वैसे ही अगर हम अपना हाथ अपनी दोस्ती का हाथ कुदरत की तरफ करते हैं

 

और उसके जो कुदरती नजारे हैं जो उसके कुदरती नियम है उसके अंतर्गत और  नियमों को ध्यान में रखते हुए बिना किसी छेड़छाड़ किए अगर हम जीवन ठीक वैसे भी बतीत करने लग जाए.

 

जैसे कुदरत चाहती है जैसे पुराने टाइम में होता था……  ऐसे में यह सब जो आप सुन रहे हैं इसकी खबर | News ना तो कभी आपको इंटरनेट पर सुनने को मिलेगी और ना ही आपके रेडियो पर और ना ही टेलीविजन पर.

 

चलते है……


 

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